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राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स 14 June 2019

भारतीय नौसेना ने समुद्री सूचना को साझा करने पर कार्यशाला का आयोजन किया


भारतीय नौसेना ने हाल ही में मेरीटाइम इनफार्मेशन शेयरिंग वर्कशॉप 2019 का आयोजन “Information Fusion Centre-Indian Ocean Region (IFC-IOR) के तहत हरियाणा के गुरुग्राम में किया। इस दो दिवसीय इवेंट का उद्घाटन वाईस एडमिरल एम.एस. पवार ने किया।

मुख्य बिंदु

इस कार्यशाला में हिन्द महासागर क्षेत्र के 29 देशों के 41 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस कार्यशाला में हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के विभिन्न मुद्दों व चुनौतियों पर चर्चा की गयी।
Information Fusion Centre-Indian Ocean Region (IFC-IOR)
इसे 22 दिसम्बर, 2018 को तत्कालीन रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा हरियाणा के गुरुग्राम में सूचना प्रबंधन व विश्लेष्ण केंद्र में लांच किया गया था। इसका उद्देश्य हिन्द महासागर क्षेत्र में विभिन्न देशों के साथ समुद्री सुरक्षा के लिए कार्य करना है।
विश्व का 75% समुद्री व्यापार हिन्द महासागर क्षेत्र से होकर गुज़रता है, इसलिए यह क्षेत्र वैश्विक व्यापार तथा आर्थिक समृद्धि के लिए आवश्यक है।
Information Fusion Centre-Indian Ocean Region आपदा प्रबंधन तथा पनडुब्बी सुरक्षा सूचना इत्यादि जैसे कार्य करता है। अब तक यह केंद्र 16 देशों तथा 13 अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा एजेंसियों के साथ लिंक स्थापित कर चुका है।

किर्गिजस्तान के बिश्केक में किया जायेगा शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन का आयोजन


किर्गिजस्तान की राजधानी बिश्केक में 14-15 जून, 2019 को शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा। इस शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी हिस्सा लेंगे। इस शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी चीन के राष्ट्रपति तथा रूस के राष्ट्रपति समेत कई अन्य राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकों में भी हिस्सा लेंगे।

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ)

यह एक राजनीतिक और सुरक्षा समूह है जिसका मुख्यालय बीजिंग में है। रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने वर्ष 2001 में शंघाई में एक शिखर सम्मेलन में एससीओ की स्थापना की थी। यह 40% से अधिक मानवता एवं वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 20% हिस्से का प्रतिनिधित्व करता हैं। अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया वर्तमान में इसके पर्यवेक्षक है। वर्ष 2005 में भारत और पाकिस्तान को इस समूह के पर्यवेक्षकों के तौर पर शामिल किया गया था. दोनों देशों को वर्ष 2017 में पूर्ण सदस्य बनाया गया।


AN-32 विमान दुर्घटना: विमान में सवार सभी 13 लोग शहीद हुए


हाल ही में भारतीय वायुसेना के लापता विमान AN-32 का मलबा अरुणाचल प्रदेश में मिला था, इसकी पुष्टि भारतीय वायुसेना ने कर दी है। इसे वायुसेना के Mi-17 हेलीकाप्टर ने ढूँढा। भारतीय वायुसेना ने वक्तव्य जारी करते हुए कहा है कि इस दुर्घटना में कोई भी व्यक्ति जीवित नही बचा है। इस विमान में कुल 13 लोग सवार थे।

मुख्य बिंदु

AN-32 एयरक्राफ्ट ने जोरहाट से 3 जून को दोपहर 12:27 मिनट पर उड़ान भरी थी, यह विमान मेचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड (चीन की सीमा से 29 किलोमीटर दूर) के लिए रवाना हुआ था। मेचुका घाटी अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिले में स्थित है। ग्राउंड एजेंसियों से इस विमान का आखिरी सम्पर्क 3 मई को दोपहर के एक बजे हुआ था। इसका बाद भारतीय वायुसेना ने बड़े पैमाने पर विमान की खोज शुरू की।
लापता एयरक्राफ्ट की खोज के लिए C130 J सुपर हर्कुलस एयरक्राफ्ट, AN-32 सैन्य परिवहन एयरक्राफ्ट, दो Mi-17 हेलिकॉप्टर तथा एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर को लगाया गया था। यह खोज कार्य भारतीय थल सेना तथा अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर किया गया।

अन्तोन AN-32

यह एक सामरिक परिवहन एयरक्राफ्ट है, इसका उपयोग भारतीय वायुसेना द्वारा वृहत स्तर पर किया जाता है। यह एयरक्राफ्ट 1984 से सेवा में कार्यरत्त है। यह अधिकतम 31,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है, इसकी गति 470 किलोमीटर प्रति घंटा है।

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