9,300 से ज्यादा मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस के पद होंगे खत्म, रक्षामंत्री ने दी मंजूरी
मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (एमईएस) के 9,300 से अधिक पदों को खत्म करने के प्रस्ताव को रक्षा मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। सैन्य क्षमता और रक्षा खर्च को संतुलित बनाए रखने के लिए बनाई गई। लेफ्टिनेंट जनरल शेखटकर (रिटायर) समिति की सिफारिशों के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इसको मंजूरी दे दी है। इसके बाद बेसिक और इंडस्ट्रियल वर्कफोर्स के 9304 पदों को खत्म कर दिया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि इंजीनियर-इन-चीफ, एमईएस के प्रस्ताव के आधार पर समिति द्वारा की गई सिफारिशों के अनुरूप, मूल और औद्योगिक कर्मचारियों के कुल 13,157 रिक्तियों में से एमईएस में 9,304 पदों को समाप्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। समिति ने सैन्य बलों की क्षमता बढ़ाने और रक्षा खर्चों को संतुलित करने के लिए यह सिफारिश की गई थी।
पैनल द्वारा की गई सिफारिशों में कहा गया है कि एमईएस का पुनर्गठन किया जाए। एमईएस का काम आंशिक रूप से विभागीय कर्मचारियों द्वारा किया जा सके और अन्य कार्यों को आउटसोर्स से कराया जाए।
एमईएस की भूमिका:
मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज भारतीय सेना की प्रमुख निर्माण कंपनी है। यह भारत में सबसे बड़ी निर्माण और मेंटिनेंस एजेंसियों में से एक है, जिसका कुल वार्षिक बजट लगभग 13,000 करोड़ रुपये है। यह मुख्य रूप से भारतीय सेनाओं, आयुर्विज्ञान कारखानों, डीआरडीओ और भारतीय तट रक्षक सहित भारतीय सशस्त्र बलों के लिए इंजीनियरिंग और निर्माण कार्यों का प्रबन्धन करती है। MES के पूरे भारत में छह सौ से अधिक स्टेशन हैं।
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