राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स, June 8 2019

केंद्र सरकार ने किया 8 कैबिनेट समितियों का पुनर्गठन

17वें लोकसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल करने के बाद केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में NDA की सरकार बनी। इस नवगठित सरकार ने आठ प्रमुख कैबिनेट समितियों का पुनर्गठन किया है। 6 कैबिनेट उप-समितियों का पुनर्गठन किया गया है, जबकि रोज़गार सृजन व आर्थिक विकास के लिए दो नयी समितियों का गठन किया गया है।

मुख्य बिंदु

पुनर्गठित आठ समितियों में केन्द्रीय गृह मंत्री सभी समितियों के सदस्य हैं, जबकि प्रधानमंत्री मोदी 6 समितियों में शामिल हैं।
आठ पुनर्गठित कैबिनेट समितियां निम्नलिखित हैं :
कैबिनेट की नियुक्ति समिति : इस समिति में प्रधानमंत्री मोदी तथा अमित शाह शामिल हैं।
आवास पर कैबिनेट समिति : इसमें अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण तथा पियूष गोयल शामिल हैं।
विशेष आमंत्रित : जितेन्द्र सिंह तथा हरदीप सिंह पुरी।
आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति : इस समिति में प्रधानमंत्री मोदी (अध्यक्ष) हैं, इसी समिति के अन्य सदस्य हैं : अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, पियूष गोयल, राजनाथ सिंह, रवि शंकर प्रसाद, हरसिमरत कौर बादल, डी.वी. सदानंद गौड़ा, नरेन्द्र सिंह तोमर, डॉ. एस. जयशंकर तथा धर्मेन्द्र प्रधान।
संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति : इस समिति में अमित शाह, निर्मला सीतारमण, नरेंद्र सिंह तोमर, आर.एस. प्रसाद, रामविलास पासवान, थावर चंद गहलोत, प्रकाश जावड़ेकर तथा प्रहलाद जोशी शामिल हैं।
विशेष आमंत्रित : अर्जुन राम मेघवाल तथा वी. मुरलीधरन।
राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति : इस समिति में प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, रामविलास पासवानम, नरेन्द्र सिंह तोमर, आर.एस. प्रसाद, हरसिमरत कौर बादल, पियूष गोयल, हर्षवर्धन, अरविन्द गणपत सावंत तथा प्रहलाद जोशी शामिल हैं।
सुरक्षा पर कैबिनेट समिति : इसे सबसे महत्वपूर्ण पैनल माना जाता है, इसमें प्रधानमंत्री मोदी, राजनाथ सिंह, अमित शाह, निर्मला सीतारमण तथा एस. जयशंकर शामिल हैं।
निवेश वृद्धि पर कैबिनेट समिति : इस समिति में प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण तथा पियूष गोयल शामिल हैं।
रोज़गार तथा कौशल विकास व कैबिनेट समिति : इस समिति में प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, निर्मला सीतारमण, पियूष गोयल, नरेन्द्र सिंह तोमर, रमेश पोखरियाल निशंक, धर्मेन्द्र प्रधान, डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय, संतोष कुमार गंगवार तथा हरदीप सिंह पुरी शामिल।
विशेष आमंत्रित : नितिन गडकरी, प्रहलाद सिंह पटेल, स्मृति जुबिन ईरानी तथा हरसिमरत कौर बादल।

खड्ग प्रहार : भारतीय सेना का प्रशिक्षण अभ्यास समाप्त हुआ

हाल ही में पंजाब में भारतीय सेना द्वारा 27 मई, 2019 से 4 जून, 2019 के बीच “खड्ग प्रहार” नामक प्रशिक्षण अभ्यास का आयोजन किया गया।

मुख्य बिंदु

खड्ग प्रहार का आयोजन पंजाब में सेना की खड्ग कॉर्प्स की विभिन्न इकाइयों द्वारा किया गया। इस अभ्यास में सेना के नवीनतम ऑपरेशनल कॉन्सेप्ट्स का परीक्षण किया गया। इस अभ्यास के द्वारा खड्ग कॉर्प्स की ऑपरेशनल तैयारी भी पुख्ता हो गयी।
इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना ने भी हिस्सा लिया। दरअसल पैरा ड्राप के प्रशिक्षण के लिए भारतीय वायुसेना के एयरक्राफ्ट का उपयोग किया गया था। इस दौरान ग्राउंड फ़ोर्स के साथ मिलकर सिमुलेटेड एयर स्ट्राइक का प्रशिक्षण भी किया गया।

खड्ग कॉर्प्स

अम्बाला में बेस्ड भारतीय सेना के II कॉर्प्स को खड्ग कॉर्प्स के नाम से भी जाना जाता है, इसे 1985 से अम्बाला में रखा गया है। यदि भारत और पाकिस्तान के बीच कभी युद्ध की स्थिति उत्पन्न होती है तो खड्ग कॉर्प्स को आक्रामक करना होगा। भारतीय सेना की 50% आक्रमण क्षमता खड्ग कॉर्प्स में निहित है। यह विभिन्न युद्धों में काफी कारगर सिद्ध हुआ है।
1971 के बांग्लादेश स्वतंत्रता संग्राम में खड्ग कॉर्प्स को पश्चिम बंगाल में तैनात किया गया है, पाकिस्तान के विभाजन में इसमें काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कारगिल की लड़ाई में भी खड्ग कॉर्प्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

जन शिक्षण संस्थानों में SC/ST उम्मीदवारों से फीस नहीं ली जायेगी

केन्द्रीय कौशल विकास तथा उद्यमशीलता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय ने कार्यभार सौंपते ही मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रथम समीक्षा बैठक बुलाई। इस बैठक ने जन शिक्षण संस्थानों में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अनुसूचित जाति/जनजाति के उम्मीदवारों से फीस न लेने का फैसला किया गया है। इसका उद्देश्य समाज के पिछड़े वर्गों को कौशल प्राप्त करने में सहायता करना है।

जन शिक्षण संस्थान

जन शिक्षण की स्थापना अनपढ़, नए पढ़े लिखे तथा स्कूल ड्राप-आउट्स को व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के लिए की गयी है। जन शिक्षण संस्थान का स्कोप निम्नलिखित हैं :
  • व्यवसायिक प्रशिक्षण के लिए उचित पाठ्यक्रम तथा ट्रेनिंग मोड्यूल तैयार करना।
  • व्यस्क शिक्षा निदेशालय, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान तथा रोज़गार व प्रशिक्षण महानिदेशक के सामानांतर कोर्स का निर्माण।
  • प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षण प्रदान करना।
  • सामान्य परीक्षाओं का आयोजन तथा प्रमाण पत्र प्रदान करना।
  • प्रशिक्षण लेने वाले लोगों की प्लेसमेंट के लिए रोज़गार दाताओं के साथ समझौते करना।
शुरू में जन शिक्षण संस्थान केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन थे, अब यह केन्द्रीय कौशल विकास व उद्यमशीलता मंत्रालय के अधीन हैं। केन्द्रीय कौशल विकास तथा उद्यमशीलता मंत्रालय ने www.jss.gov.in नाम वेबसाइट शुरू की है, इस वेबसाइट में विभिन्न किस्म की जानकारी उपलब्ध होगी।

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