राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स 12 March 2019
प्रसार भारती ने 11 अन्य दूरदर्शन चैनलों को सैटेलाइट फुटप्रिंट पर लाने का निर्णय लिया
प्रसार भारती ने हाल ही में के माध्यम से दूरदर्शन के 11 चैनलों को भारत में सैटेलाइट फुटप्रिंट पर लाने का फैसला किया है, इसकी घोषणा हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की।
11 चैनल
यह 11 चैनल छत्तीसगढ़, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखण्ड, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा तथा उत्तराखंड के हैं।
लाभ
राज्यों के यह 11 चैनल राज्य के लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। अब इन चैनलों को देश भर में देखा जा सकेगा। इससे लोगों को क्षेत्र की संस्कृति तथा प्रतिभाओं के बारे में भी जानकारी मिलेगी।
प्रसार भारती
प्रसार भारती 23 नवम्बर, 1997 को अस्तिव में आया था। यह वैधानिक स्वायत्त संस्था है, इसकी स्थापना प्रसार भारतीय अधिनियम के तहत की गयी है। प्रसार भारती भारत का लोक सेवा प्रसारक है।
डीडी फ्री डिश प्रसार भारती की सेवा है, इसके द्वारा लोग व्यक्तिगत लघु डिश ऐन्टेना के द्वारा टीवी सेवा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। DTH सेवा के लिए स्थानीय केबल ऑपरेटर की आवश्यकता नहीं होगी।
बाँध पुनर्वास तथा सुधार परियोजना के लिए ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किये गये
विश्व बैंक, भारत सरकार तथा कर्नाटक, केरल, ओडिशा, तमिलनाडु तथा उत्तराखंड के प्रतिनिधियों ने बाँध पुनर्वास व सुधार परियोजना (DRIP) के लिए 137 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किये। इस अतिरिक्त फंडिंग का उपयोग ओडिशा के हीराकुड बाँध में अधिप्लव मार्ग के निर्माण तथा अन्य बांधों के सुधार के लिए किया जायेगा।
बाँध पुनर्वास तथा सुधार परियोजना
केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा पुनर्जीवन मंत्रालय ने केन्द्रीय जल आयोग के द्वारा 2012 में 6 वर्षीय बाँध पुनर्वास तथा सुधार परियोजना की शुरुआत की थी। इसके लिए विश्व बैंक ने 2100 करोड़ रुपये (437.5 मिलियन डॉलर) जारी किये थे। इस परियोजना का उद्देश्य बांधों की सुरक्षा तथा ऑपरेशनल परफॉरमेंस इत्यादि को मज़बूत बनाना था।
भारत में मानसून में काफी कम समय में काफी अधिक वर्षा होती है, इसलिए इस वर्ष जल का भण्डारण करना अति आवश्यक है। इस भंडारित जल का उपयोग सिंचाई तथा पेयजल के लिए किया जा सकता है। जल भण्डारण के इस अति महत्वपूर्ण कार्य में बाँध की भूमिका काफी अधिक है। यह ग्रामीण विकास तथा कृषि के लिए ज़रूरी है।
इस बांधों से देश में लाखों लोगों को लाभ मिलता है। इसलिए इन बांधों का उचित रखरखाव तथा सशक्तिकरण भी ज़रूरी है।
प्रधानमंत्री मोदी और बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना ने संयुक्त रूप से विकास कार्यों का उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से संयुक्त रूप से विकास कार्यों का उद्घाटन किया।
विकास कार्य
बस तथा ट्रकों की आपूर्ति
36 सामुदायिक क्लिनिक का उद्घाटन
नेशनल नॉलेज नेटवर्क का बांग्लादेश तक विस्तार
नेशनल नॉलेज नेटवर्क
नेशनल नॉलेज नेटवर्क एक अत्याधुनिक नेटवर्क है, इसका उद्देश्य सभी राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों तथा अनुसन्धान संस्थानों को कनेक्ट करके देश में वर्चुअल क्लासरूम की स्थापना करना है। नेशनल नॉलेज नेटवर्क प्रोजेक्ट की शुरुआत 2009 में दस वर्ष की अवधि के लिए की गयी थी। वर्तमान समय में नेशनल नॉलेज नेटवर्क कार्यक्रम “डिजिटल इंडिया” कार्यक्रम का हिस्सा है।
नेशनल नॉलेज नेटवर्क एडवांस्ड दूरस्थ शिक्षा के लिए इंजीनियरिंग, विज्ञान व औषधि इत्यादि के क्षेत्रों के लिए बेहद उपयोगी है। यह अल्ट्रा-हाई स्पीड ई-गवर्नेंस की रीढ़ की हड्डी भी है। इससे देश में ज्ञान के अंतर में कमी आएगी। विश्वास निर्माण के प्रयास के रूप में भारत नेशनल नॉलेज नेटवर्क का विस्तार 6 सार्क देशों : अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल तथा श्रीलंका तक कर चुका है।
आदर्श आचार संहिता क्या होती है?
हाल ही में भारतीय निर्वाचन आयोग ने 2019 के लोकसभा चुनावों की घोषणा की, इस घोषणा के साथ ही देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गयी।
आदर्श आचार संहिता
- आदर्श आचार संहिता भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशानिर्देशों का समूह है, जिनके द्वारा राजनीतिक दलों तथा उनके उम्मीदवारों को चुनावों से पहले रेगुलेट किया जाता है।
- सर्वप्रथम आदर्श आचार संहिता के पहले संस्करण को 1960 में केरल विधानसभा चुनावों के दौरान लागू किया गया था। इन दिशानिर्देशों का पालन 1962 के लोकसभा चुनावों के दौरान सभी राजनीतिक दलों द्वारा किया गया। 1979 में भारतीय चुनाव आयोग ने सत्ताधारी दल की शक्ति को रेगुलेट करने तथा इसे चुनाव के दौरान लाभ उठाने से रोकने के लिए के लिए एक सेक्शन जोड़ा।
- आदर्श आचार संहिता चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही लागू हो जाती है, यह चुनाव परिणाम आने तक लागू रहती है।
- आदर्श आचार संहिता में सामान्य व्यवहार, बैठक, जुलूस, मतदान दिवस, पोलिंग बूथ, पर्यवेक्षक, सत्ताधारी दल तथा चुनाव घोषणापत्र से सम्बंधित आठ प्रावधान हैं।
- आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार अपनी आधिकारिक स्थिति का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं कर सकती।
- सत्ताधारी दल आधिकारिक यात्रा तथा चुनाव प्रचार को एक साथ नही कर सकते।
आदर्श आचार संहिता की सबसे बड़ी कमी यह है कि इसके वैधानिक समर्थन प्राप्त नहीं है। इस कारण चुनाव आयोग आदर्श आचार संहिता का पालन न करने वाले विरुद्ध कड़ी करवाई नही कर पाता।
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