राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स 11 March 2019
वाशिंग मशीन व माइक्रोवेव ओवन के लिए उर्जा दक्षता रेटिंग जारी की जायेगी
उर्जा मंत्रालय ने हाल ही में घोषणा की है कि माइक्रोवेव ओवन तथा वाशिंग मशीन के लिए अब उर्जा दक्षता के पैमाने पर स्टार रेटिंग जारी की जायेगी।
मुख्य बिंदु
- माइक्रोवेव तथा वाशिंग मशीन के लिए स्टार रेटिंग कार्यक्रम स्वेच्छा के आधार पर क्रियान्वित किया जाएगा, यह 31 दिसम्बर, 2020 तक वैध होगा।
- स्टार रेटिंग प्रदान करने के लिए वाशिंग मशीन की जल दक्षता तथा उर्जा प्रदर्शन के आधार पर रेटिंग प्रदान की जायेगी।
- माइक्रोवेव ओवन तथा वाशिंग मशीन की स्टार रेटिंग से उर्जा दक्षता उपकरणों की ओर लोगों के रुख में वृद्धि होगी।
- तीव्र पंजीकरण तथा स्वीकृति के लिए उर्जा दक्षता ब्यूरो ने ऑनलाइन पंजीकरण प्लेटफार्म विकसित किया है।
उपकरणों की स्टार रेटिंग
उपकरण की स्टार रेटिंग से ज्ञात होता है कि वह विद्युत् उत्पाद कितना उर्जा दक्ष है। जिस उत्पाद की रेटिंग जितनी अधिक होती है वह उतना अधिक उर्जा दक्ष होता है। भारत में उपकरणों की रेटिंग का कार्य उर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा किया जाता है।
उर्जा दक्षता ब्यूरो की स्थापना उर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के तहत की गयी थी, यह एक वैधानिक संस्था है। उर्जा दक्षता ब्यूरो विद्युत् के उचित उपयोग के लिए सरकार की सहायता करता है।
पल्स पोलियो कार्यक्रम 2019
सरकार ने हाल ही में पल्स पोलियो कार्यक्रम 2019 को मंज़ूरी दे दी है। इस कार्यक्रम के तहत पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स पिलाई जायेंगी।
पल्स पोलियो कार्यक्रम 2019
- इस कार्यक्रम के तहत पांच वर्ष से कम आयु के 17 करोड़ बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स पिलाई जायेंगी।
- पल्स पोलियो कार्यक्रम का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है। इसका उद्देश्य पोलियो रोग से बच्चों की रक्षा करना है। इसके तहत देश में वृहत स्तर पर दो टीकाकरण अभियान तथा दो–तीन उप राष्ट्रीय अभियान प्रतिवर्ष चलाये जायेंगे।
- भारत को 2014 में पोलियो मुक्त राष्ट्र घोषित किया गया था। पल्स पोलियो कार्यक्रम 2019 का उद्देश्य भारत को पोलियो-मुक्त बनाये रखना है।
- भारत में अंतिम पोलियो केस 13 जनवरी 2011 में पश्चिम तथा गुजरात में रिपोर्ट किये गये थे। बच्चों को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार ने इन्जेक्टिबल इनएक्टिवेटिड पोलियो वैक्सीन भी लांच किया है।
पोलियो
पोलियो एक संक्रामक रोग है, यह आमतौर पर पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों को प्रभावित करता है। पोलियो का वायरस दूषित जल के द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है। यह वायरस तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है, इससे कई मामलों में व्यक्ति पक्षाघात भी हो सकता है। हालांकि पोलियो का कोई इलाज नहीं है, परन्तु टीके की सहायता से इसके रोका सकता है।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की आधारशिला रखी। इस परियोजना के द्वारा इस धार्मिक स्थल का जीर्णोंधार किया जायेगा। इससे पहले 1780 में मराठा रानी अहिल्याबाई होलकर ने मंदिर तथा आसपास के क्षेत्र का जीर्णोधार किया था।
मुख्य बिंदु
- यह 50 फीट का कॉरिडोर गंगा के मणिकर्णिका तथा ललिता घाट को सीधे काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर से जोड़ा जायेगा।
- इस कॉरिडोर में यात्रियों को नए संग्रहालय तथा वाराणसी का प्राचीन इतिहास व संस्कृति देखने को मिलेगी।
- धार्मिक अनुष्ठानों के लिए नई यज्ञशालाओं का निर्माण भी किया जायेगा।
- इस कॉरिडोर में पुजारियों तथा स्वयंसेवकों के लिए आश्रयस्थलों का निर्माण किया जायेगा जबकि पर्यटकों के लिए पूछताछ केंद्र की स्थापना भी की जायेगी।
- बैठकों तथा मंदिरों के कार्यक्रम के लिए विशाल ऑडिटोरियम की स्थापना की जायेगी।
- पर्यटकों के लिए बनारसी तथा अवधी पकवान उपलब्ध करवाए जायेंगे।
- इस परियोजना की कुल लागत लगभग 600 करोड़ रुपये आएगी।
काशी विश्वनाथ मंदिर गंगा नदी के किनारे पर स्थित है, परन्तु इसके आसपास के क्षेत्र काफी छोटा व संकरा है। इस कारण उत्सव के समय में इस स्थान पर भीड़ की काफी समस्या रहती है। कॉरिडोर के निर्माण के बाद भीड़ से निजात मिलेगी तथा तीर्थयात्रियों को भी बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सकेगी।
भारत ने चीन में लांच किया तीसरा आईटी कॉरिडोर
भारत ने चीन में अपना तीसरा आईटी कॉरिडोर लांच किया। यह कॉरिडोर भारतीय और चीनी कंपनियों की पार्टनरशिप में सहायता करेगा। आईटी कॉरिडोर के विकास के लिए राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर व सेवा कंपनी संघ (नैसकॉम) ने चीन के शुजो नगर के साथ पार्टनरशिप की थी।
आईटी कॉरिडोर
- आईटी कॉरिडोर से भारतीय तथा चीनी कंपनियों के बीच पार्टनरशिप को बढ़ावा मिलेगा। इससे भारतीय सॉफ्टवेयर व सेवा उद्योग संघ को चीनी बाज़ार में प्रवेश करने में सहायता मिलेगी।
- इस कॉरिडोर की सहायता से भारतीय कंपनियों को चीन में पार्टनरशिप के लिए उपयुक्त कंपनियां ढूँढने में सहायता मिलेगी।
- इस कॉरिडोर से चीन में रोज़गार सृजन होगा तथा दोनों देशों के बीच टैलेंट हस्तांतरण को प्रोत्साहन मिलेगा।
- इस पहले चीन के डालियान तथा गुइयांग शहरों में भी दो कॉरिडोर लांच किये गये थे। इससे 300 कंपनियों को कार्य करने का मौका मिला। इसमें 10 से अधिक भारतीय लघु व मध्यम कंपनियों ने 4.5 मिलियन डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किये गये थे।
- पहले दो कॉरिडोर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, IoT तथा एनालिटिक्स के क्षेत्र में कार्य किया गया।
कैंसर दवाओं की कीमत में की गयी 87% की कमी
राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल मूल्य प्राधिकरण (NPPA) ने हाल ही में 390 गैर-अनुसूचित कैंसर दवाओं के दाम में 87% की कमी की है। NPPA ने दवा निर्माताओं तथा अस्पतालों को ट्रेड मार्जिन फार्मूला के आधार पर कीमतों को संशोधित करने के लिए कहा है। NPPA ने कहा है कि पांच ब्रांड्स की कीमतों में 70% की कमी तथा 12 अन्य ब्रांड्स की कीमतों में 50-70% की कमी आएगी। 45 कैंसर दवाओं के अधिकतम खुदरा मूल्य में भी 25% की कमी की जायेगी।
- कीमतों में इस कमी से लोगों की 800 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत होगी।
- कीमत में इस कमी के कारण भारत में 22 लाख कैंसर पीड़ितों को लाभ मिलेगा।
राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल मूल्य प्राधिकरण (NPPA)
राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल मूल्य प्राधिकरण (NPPA) की स्थापना 1997 में की गयी थी। यह दवाओं की कीमतों को को नियंत्रित करने वाले स्वतंत्र रेगुलेटर है। इसका उद्देश्य दवाओं को पहुँच सभी तक सुनिश्चित करना है। राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल मूल्य प्राधिकरण (NPPA) राष्ट्रिय महत्वपूर्ण औषधि सूची में मौजूद दवाओं का मूल्य निश्चित करता है। यह केन्द्रीय रसायन व उर्वरक मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है।
कार्य
- दवा (कीमत नियंत्रण) आदेश के प्रावधनों का क्रियान्वयन करना।
- दवाओं की उपलब्धता तथा कमी को चिन्हित करना।
- दवाओं के उप्तादन, आयात, निर्यात, कंपनियों के मार्केट शेयर तथा लाभ को मॉनिटर करना।
- दवाओं की कीमत के सन्दर्भ में अध्ययन इत्यादि करना।
- दवा नीति में परिवर्तन अथवा संशोधन के लिए केंद्र सरकार को परामर्श प्रदान करना।
इंडिया कूलिंग एक्शन प्लान
केन्द्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सिंह ने हालही में इंडिया कूलिंग एक्शन प्लान जारी किया। इसका उद्देश्य उत्सर्जन में कमी करना तथा नागरिकों को तापीय राहत प्रदान करना है।
इंडिया कूलिंग एक्शन प्लान
- इंडिया कूलिंग एक्शन प्लान को विभिन्न सेक्टरों की कूलिंग आवश्यताओं को मध्यनजर रखते हुए 20 वर्ष के लिए तैयार किया गया है, इसमें सतत कूलिंग प्रदान करने के लिए तरीके सुझाए गये हैं।
- इस एक्शन प्लान के तहत सरकार ने कूलिंग उर्जा आवश्यकता में कम से कम 30% की कमी का लक्ष्य रखा है। इसके लिए AC तथा पंखों की उर्जा दक्षता में वृद्धि की जायेगी। इसके अतिरिक्त कोल्ड चेन के कार्य में भी दक्षता लाने का प्रयास किया जायेगा।
- वर्तमान में इनस्टॉल किये गये एयर कंडीशनरों के बेहतर उपयोग के लिए सरकार एक लाख सर्विस तकनीशियन को प्रशिक्षण प्रदान करेगी।
- इस एक्शन प्लान में बिल्डिंग एनर्जी कोड तथा तापीय मानकों के उपयोग द्वारा बिल्डिंग सेक्टर की कूलिंग आवश्यकता को कम करने का प्रयास किया जायेगा। इसके अतिरिक्त लोगों को सार्वजनिक परिवहन तथा हाइब्रिड व विद्युत् वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहन दिया जायेगा।
- सरकार द्वारा लोगों को सस्ते घर प्रदान करने की योजना के तहत निर्मित किये जाने वाले भवनों का डिजाईन उर्जा दक्ष तरीके से किया जायेगा।
- इस एक्शन प्लान में कहा गया है कि ओजोन को समाप्त करने वाले हाइड्रोक्लोरोफ्लोरोकार्बन पर नियंत्रण के लिए भी कार्य किया जा रहा है।
लक्ष्य
- 2037-38 तक रेफ्रिजेरंट की मांग में 25-30% की कमी करना।
- 2037-38 तक कूलिंग की मांग में 20-25% की कमी करना।
- 2037-38 तक कूलिंग एनर्जी की आवश्यकता में 25-40% की कमी करना।
सरकार ने लांच की ई-धरती एप्प व पोर्टल
केन्द्रीय आवास तथा शहरी मामले मंत्री हरदीप पुरी ने हाल ही में ई-धरती एप्प तथा ई-धरती जिओ पोर्टल लांच किया। इससे लोगों को सरलता से जानकारी प्राप्त होगी तथा सरकार को इसकी संपत्तियों के कुशल प्रबंधन में भी सहायता मिलेगी।
ई-धरती एप्प
- ई-धरती एप्प में तीन मोड्यूल हैं – रूपांतरण, प्रतिस्थापन तथा नामांतरण।
- भूमि व विकास कार्यालय में भुगतान प्रणाली को पूर्ण रूप से डिजिटाइज़ कर दिया गया है।
- इस एप्प के माध्यम से लोग अपने आवेदन ऑनलाइन भूमि व विकास कार्यालय को भेज सकते हैं। इसके पश्चात् अब भूमि व विकास कार्यालय में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
ई-धरती जिओ पोर्टल
- ई-धरती जिओ पोर्टल के माध्यम से भूमि को पट्टे पर लेने वाला व्यक्ति संपत्ति की आधारभूत जानकारी तथा मानचित्र पर इसकी लोकेशन देख सकता है।
- मांग करने वाले भूमि को पट्टे पर लेने वाले व्यक्ति को सम्बंधित भूमि का “संपत्ति प्रमाण पत्र” प्रदान किया जा सकता है।
- ई-धरती जिओ पोर्टल से सरकार को भी अपनी खाली संपत्ति की जानकारी मिलेगी और यह भी पता चल सकेगा कि सरकारी संपत्ति पर किसी किस्म का अवैध कब्ज़ा तो नहीं है।
सरकार तीन अन्य मोड्यूल – विक्रय अनुमति, गिरवी रखने के लिए अनुमति तथा उपहार अनुमति के डिजिटलीकरण पर भी कार्य कर रही है। डिजिटलीकरण के पूरा हो जाने पर संपत्ति से सम्बंधित कार्य काफी कुशल व पारदर्शी हो जायेगा।
पत्रकार प्रियंका दुबे को चमेली देवी जैन पुरस्कार प्रदान किया गया
बीबीसी की द्विभाषी संवाददाता प्रियंका दुबे को उत्कृष्ठ महिला पत्रकार के लिए चमेली देवी जैन पुरस्कार 2018 के लिए चुना गया है।
जूरी ने प्रियंका को उनकी बहुमुखी, खोजबीन पूर्ण तथा प्रश्नात्मक रिपोर्ट के लिए सम्मानित किया, उन्हें विभिन्न सामाजिक व राजनीतिक मुद्दों को कवर किया।
चमेली देवी जैन अवार्ड उन महिला पत्रकारों को सम्मानित किया जाता है जो पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करती हैं तथा पत्रकारिता के उच्च स्तर को बनाये रखती हैं।
चमेली देवी जैन पुरस्कार का नाम स्वतंत्रता सेनानी चमेली देवी के नाम पर रखा गया है। चमेली देवी जैन ने गांधी जी के आग्रह पर विदेशी वस्तुओं के विरुद्ध प्रदर्शन किया था, बाद में उनके कारावास की सज़ा दी गयी थी। वे एक गांधीवादी थीं। वे विधवा पुनर्विवाह जैसे महिलाओं से सम्बंधित मुद्दों पर भी सक्रिय रूप से कार्य करती थीं।
रघुराम राजन को यशवंत राव चवाण राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा
भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को यशवंत राव चवाण राष्ट्रीय पुरस्कार 2018 से सम्मानित किया जायेगा। उन्हें यह सम्मान यशवंत राव चवाण प्रतिष्ठान द्वारा आर्थिक विकास में उनके योगदान के लिए दिया जायेगा। उन्हें यह सम्मान 12 मार्च को यशवंत राव चवाण के 106वें जन्म दिवस के अवसर पर प्रदान किया जायेगा।
रघुराम राजन को मुश्किल समय में भारतीय अर्थव्यवस्था को दिशा दिखाने के श्रेय दिया जाता है। उनके कार्यकाल में भारतीय मुद्रा ने भी काफी अच्छा प्रदर्शन किया। उनके कार्यकाल में कई मौद्रिक नीति तथा केन्द्रीय बैंक में काफी प्रशासनिक सुधार किये गये। रघुराम राजन ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में प्रमुख अर्थशास्त्री के रूप में भी कार्य किया।
यशवंत राव चवाण
यशवंत राव चवाण महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री थे, वे प्रधानमंत्री चरण सिंह की कैबिनेट ने 1979-1980 के बीच डिप्टी प्रधानमंत्री भी रहे। उनका जन्म 12 मार्च, 1913 को महाराष्ट्र के सतारा जिले में हुआ था। उन्होंने असहयोग आन्दोलन तथा भारत छोड़ो आन्दोलन में हिस्सा लिया। स्वतंत्रता के बाद वे महाराष्ट्र सरकार और भारत सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। उनका निधन 25 नवम्बर, 1984 को हुआ था।
यशवंत राव चवाण राष्ट्रीय पुरस्कार की स्थापना यशवंत राव चवाण प्रतिष्ठान द्वारा की गयी थी, इस पुरस्कार द्वारा राष्ट्रीय एकीकरण, सामाजिक तथा आर्थिक विकास में योगदान के लिए व्यक्तियों तथा संस्थाओं को सम्मानित किया जाता है।
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